ये पढ़ें: Macbook Air M2 सीरीज़ भारत में कई नए फीचरों के साथ लॉन्च, लेकिन क्या 1,19,900 रूपए में खरीदेंगे आप ? युरोपियन कमिशन के अनुसार, ऐसा करने से ग्राहकों को आसानी भी होगी और पैसों की बचत भी।  एक चार्जिंग पोर्ट सभी के लिए, इस पर ब्रुसल्स लगभग एक दशक से कोशिश कर रहा है। और काफी लोगों की शिकायत भी है कि iPhone से Android या फिर Android से iPhone में स्विच करना या फ़ोन बदलना, कई बार इसीलिए भी मुश्किल होता है, क्योंकि चार्जिंग पोर्ट अलग होते हैं।  साथ ही, अगर किसी व्यक्ति के पास, एक iPhone और दूसरा Android फ़ोन है, तो कहीं भी जाने पर दो चार्जर ले जाने पड़ते हैं, लेकिन इस फैसले के बाद आपके सभी डिवाइस एक ही चार्जर से चार्ज हो सकते हैं। अब तो लैपटॉप में भी Type-C पोर्ट आते हैं। हालाँकि अभी iPhone यूज़र लाइटनिंग केबल द्वारा अपना फ़ोन चार्ज करते हैं, जबकि Android फोनों में USB-C कनेक्टर मिलते हैं।  हालांकि इस फैसले पर अभी Apple ने कुछ नहीं कहा है, लेकिन रिपोर्टों के अनुसार Apple पहले से ही USB-C पोर्ट के साथ आने वाले iphone पर काम कर रहा है। इस फैसले के साथ 2024 वर्ष में, Apple की सेल पर भी असर आएगा। शोधकर्तांओं का कहना है कि पुराने मॉडलों पर सेल होगी और यूरोप में उस समय ये फैसला लोगों को बिना USB-C पोर्ट वाले डिवाइस लेने के लिए प्रोत्साहित करेगा।  इसके अलावा CFRA रीसर्च के अनुसार, सभी फोनों में टाइप-सी पोर्ट होने से ग्राहक जल्दी फ़ोन बदलने लगेंगे, क्योंकि उन्हें अलग से चार्जर नहीं  पड़ेगा।  I Apple जब USB टाइप-सी के साथ फ़ोन लेकर आएगा, तो ज़ाहिर है कि फिलहाल उपलब्ध लाइटनिंग केबल के साथ आने वाले मॉडल सस्ते हो जायेंगे, जिससे पुराने मॉडलों की सेल बढ़ सकती है। लेकिन यदि EU ने पुराने बिना टाइप-सी पोर्ट वाले iphones पर रोक लगा दी, तो Apple की सेल में नुक्सान भी देखने को मिल सकता है।  ये पढ़ें: Moto G82 Snapdragon 695 के साथ लॉन्च हुआ; लेकिन क्या कीमत सही है ? युरोपियन कमिशन की स्टडी बताती है कि 2018 में 50% फ़ोन USB माइक्रो -B पोर्ट के साथ आते थे, जबकि 29% फोनों में टाइप-सी पोर्ट था और बाकी 21% फ़ोन लाइटनिंग पोर्ट के साथ आये थे। लेकिन कमिशन कहता है कि 2024 तक सभी डिवाइसों फोन, टैबलेट, लैपटॉप, कैमरे, में USB-C पोर्ट ही होगा। इसीलिए ये निर्णय सही है। साथ ही इससे चार्जरों की मांग भी कम होगी और प्लास्टिक वेस्ट में कमी आएगी, जो पर्यावरण के लिए भी अच्छा है।  EU की इस डील में इन डिवाइसों के अलावा ई-रीडर, बड्स, ब्लूटूथ स्पीकर, की-बोर्ड इत्यादि भी शामिल हैं। अब अगर कंपनियां टाइप–सी पोर्ट के लिए बाध्य हैं, तो ग्राहकों को काफी आसानी होगी। किसी भी पुराने फ़ोन के चार्जर से कोई भी डिवाइस चार्ज कर सकेंगे। नए फ़ोन में अपग्रेड करते समय, अलग से चार्जर खरीदने की चिंता भी नहीं होगी। 

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